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सस्ते जज्बात

lets free ur mind birds
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बड़े बड़े इन शहरों में बस पत्थर दिल ही बसते है,
चोट लगे तो दूर खड़े ये जोर जोर से हँसते है…..

    पाला है सापों को मैंने दोस्त दिया है नाम इन्हें,
    प्यार जताने को ये अपना पल पल मुझ को डसते है……

गहने कपडे खाना रहना महंगा है अब सब कुछ ही,
पाक-साफ इस दिल के जज्बात ही बस सस्ते है……

    ढूढता रहता हूँ मै जिसको, उसका पता सब जानते है
    किस रस्ते से जाऊ अब मै उस तक जाते कितने रस्ते है …

उसको शायद मालूम नहीं क्या क्या गुजरती है दिल पे
बातों बातों में जब अपने हमको ताने कसते है …..

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