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इश्क का सिकंदर- Valentine Contest

lets free ur mind birds
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जहाँ देखती हैं नज़रे वहां तेरा ही मंजर है,

तू खुदा है मेरा ये दिल तेरा ही मंदिर है….

मेरी आँखों में तैरते हुए अश्कों को समझ ले,

ये गम के अश्क नहीं तेरे प्यार का उमडता समंदर है…

सुंदर मै नहीं बल्कि तेरी आँखों की इनायत है ये,

मोहब्बत जिस को भी होती है हर वोह शख्स सुंदर है…

तुझे में ढूँढता रहता हूँ ख्यालों के गुलशन मैं,

जो पलके बंद करूँ तो तू मिल जाता मेरे ही अंदर है…

अमीर वो नहीं जो दौलतों से माला माल है,

जो माला माल है इश्क से वह ही सिकंदर है…

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