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कुछ चाहती है आजादी …..

lets free ur mind birds
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मै आजादी हूँ! आज मेरी भारतवर्ष में तिरसठवीं वर्षगांठ है ! मै आज अपने मन की बात अपने बच्चों से करना चाहती हूँ और आज उनसे एक वादा भी चाहती हूँ !……..

तो मेरे प्यारे भारत के बच्चों अतीत में कुछ बाहरी ताकतों ने मुझे मेरे भारत से अलग कर दिया और गुलामी की जंजीरों से बांधकर मुझे किसी काल-कोठरी में कैद कर लिया! फिर लंबे समय के बाद देश के लोगों में आजादी के लिए प्रेम जगा… उन्हें अहसास हुआ की किस तरह भारत आजादी के लिए छटपटा रहा है! बस उनके दिल में भी मेरे लिए यानि आजादी के लिए न मिटने वाली आग जल उठी और इस आग से उन्होंने अंग्रेजों को सबक सिखाया! तब हिन्दू मुसलमान, सिख और इसाइ एक हो गए… ऐसा लगता था सब एक माला में पिरो दिए गए हों! खून बहा, जाने गयी , स्वदेश के नारे लगे.. कभी अहिंसा से तो कभी युद्ध से जंग लड़ी गयी… मुझे गर्व है उन सब बहादुरओं पर जिन्होंने भारत को गुलामी की जंजीरों से आजादी दिलवाई ! आजादी फिर से अपने भारत के पास लौट आई ! बहुत सी खुशियों साथ और एक दुःख के साथ …. दुःख ये की उसकी माला से कुछ मोती अलग करके नए देश बना दिये गए !………..

आज वर्तमान में मेरे भारत ने बहुत उन्नति की है ! सारी दुनिया मै अपनी ताकत का , विकास का तिरंगा लहरा दिया है ! शिक्षा में, विज्ञानं में, कृषि में , हर श्वत्र में बहुत तरक्की की है ! विश्व में नाम उच्चा किया है ! मगर मै आज खुश नहीं हूँ क्युकी मेरे जिन बेटों ने मर कर मुझे भारत से मिलाया था उन्हें भुला दिया गया है ! उनके आजादी के मकसद को मिटा दिया गया…आज मेरे भारत पर जोंक जैसे लोग शासन कर रहे है ! जो भारत के बारे में नहीं सिर्फ अपने बारे में सोचते है ! आजादी का मतलब उनके लिए सिर्फ शासन, शक्ति और पैसा है ! वो भूल गए है मेरे प्यारे बच्चे किस तरह भूख, महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी से झुलस रही है! भष्टाचार ने आजादी को कलंकित कर दिया है! आपसी कलह ने मेरी माला के मोती बिखेर दिए है! मै आज मायूस हूँ …………… उदास हूँ ………… और चिंतित हूँ …………….

मै इंतज़ार कर रही हूँ की कब मेरे बच्चे इन अंदरूनी दुश्मनों से मेरे भारत को आजाद करवायेगे.. कब आजादी का सदुपयोग करेगे… ये प्रश्न मुझे विचलित करता है! और भविष्य के लिए चिंतित भी………….

पर जब नयी आने वाली पीढ़ी को देखती हूँ तो सोचती हूँ के शायद ये पीढ़ी आजादी के वास्तविक महत्व को जानेगी! मेरे युवा बच्चे आज के भष्टट मतलबी नेता रूपी दाग को मेरे आँचल से धोकर मुझे उज्जवल करेगे और भारत का नाम वास्तव में रोशन करेगे! हर आदमी को गरीबी मज़बूरी के जिन्दगी से निकाल कर एक वो अच्छी जिन्दगी देगे, जिसका सपना मेरे शहीद बच्चों ने देखा था!…..

मै आजदी अपनी युवा पीढ़ी को आगे आने का आमन्त्रण देती हूँ और कहती हूँ की जिस तरह अतीत में मेरे बेटों ने मेरे लिए आवाज उठाई , आज तुम भी उसी जज्बे से उठो और लड़ो … ये लड़ाई लम्बी चलेगी, क्युकी दुश्मन घर के लोग है ,,, उन्हें सही राह तुम ही दिखा सकते हो.. मुझे तुम पर पूरा विश्वास है… आज मेरे भारत के आजादी दिवस पर मेरे लिए बस यही एक प्रण करो ———— आगे बढ़ो —————- आवाज उठाओ ———— और भारत का भविष्य संवर दो ————-

जय हिंद !!!!!!!

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