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उदास शाम

lets free ur mind birds
lets free ur mind birds
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sad evening

जाने कैसे सुबह से शाम हो गई,
ये जिन्दगी बस यु ही तमाम हो गई ………

करते रहे हम कोशिशे मंजिल को पाने की ,
हर कोशिश लेकिन आज तो नाकाम हो गई …..

मन के किसी कोने में छुपाया था आपको ,
फिर उल्त्फत मेरी कैसे बदनाम हो गई ……….

जिस खुशी के लिए उठाया था हर एक ग़म ,
वो खुशी आज मुझसे अनजान हो गयी ……..

ये जिन्दगी बस यु ही तमाम हो गयी ………
मेरा वजूद हस्ती मेरी बेनाम हो गयी ……..
जाने कैसे सुबह से शाम हो गयी …………

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